-: FRIENDSHIP : -
ये वो रिस्ता है जो कभी ना कभी आपके जीवन में अपनों का साथ ना होने पर काम आता है।
दोस्ती क्या होती हैं वो आप कभी सामने वाले पर निर्भर नहीं करती निर्भर करती है कि आपने उसके साथ दोस्ती केसी निभाई ।
अकसर लोग ये मान लेते हैं की उसने कभी मुझे सम्पर्क नहीं किया पर आप ने भी उसी दौरान कुछ नहीं किया ।
दोस्ती वो होतीं हैं जिसे आप किसी की खुशी के लिए आप कुरबान हो जाते हैं ।दोस्त के कहने पर आप बेजिजक पहोच जाया करते हो। जिसमे न तो लोभ होता है ओर ना ही स्वार्थ ।
लिखना बहोत है पर पता नहीं ●●●●●●●
ये वो रिस्ता है जो कभी ना कभी आपके जीवन में अपनों का साथ ना होने पर काम आता है।
दोस्ती क्या होती हैं वो आप कभी सामने वाले पर निर्भर नहीं करती निर्भर करती है कि आपने उसके साथ दोस्ती केसी निभाई ।
अकसर लोग ये मान लेते हैं की उसने कभी मुझे सम्पर्क नहीं किया पर आप ने भी उसी दौरान कुछ नहीं किया ।
दोस्ती वो होतीं हैं जिसे आप किसी की खुशी के लिए आप कुरबान हो जाते हैं ।दोस्त के कहने पर आप बेजिजक पहोच जाया करते हो। जिसमे न तो लोभ होता है ओर ना ही स्वार्थ ।
लिखना बहोत है पर पता नहीं ●●●●●●●
Last line 👌
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